चौधरी चरण सिंह विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ मेरठव कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में आयोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन योग शिविर के तीसरे दिन आज दिनांक 19 जून 2021 को योग शिविर का आरंठशà¥à¤°à¥€ जगत सिंह जी(आशà¥à¤°à¤® के टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥€) , शà¥à¤°à¥€ यà¥à¤¦à¤§à¤µà¥€à¤° जी(आशà¥à¤°à¤® के टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥€, कांधला) ) , आचारà¥à¤¯ कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª आरà¥à¤¯(सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•) , शà¥à¤°à¥€ विजय पाल जी (आशà¥à¤°à¤® के टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥€ व वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ से सेवानिवृतà¥à¤¤) à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता के शà¥à¤°à¥€ चरणों में दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया गया. राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सेवा योजना इकाई (डी ठवी डिगà¥à¤°à¥€ कॉलेज बà¥à¤¢à¤¼à¤¾à¤¨à¤¾ मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¨à¤—र)के सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवकों ने à¤à¥€ जूम à¤à¤ª के माधà¥à¤¯à¤® से योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—िता की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ करà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ आरंठहà¥à¤† जिसमें सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® सà¤à¥€ साधकों को सिदà¥à¤§à¤¾à¤¸à¤¨ अथवा पदà¥à¤®à¤¾à¤¸à¤¨ अथवा सà¥à¤–ासन में बैठने व दोनों हाथों की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में रहने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया. गहरी शà¥à¤µà¤¾à¤¸ लेते हà¥à¤ तीन बार पà¥à¤°à¤£à¤µ अकà¥à¤·à¤° ॠनाम का सà¥à¤®à¤°à¤£ कर गहरी सांस लेते हà¥à¤ उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ कराया सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि ॠका अरà¥à¤¥ है सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤‚द सà¥à¤µà¤°à¥‚प परमातà¥à¤®à¤¾. ॠनाम का सà¥à¤®à¤°à¤£ करते हà¥à¤ ही शà¥à¤°à¥€ राम व शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ सहित सà¤à¥€ पूरà¥à¤µ ऋषि मà¥à¤¨à¤¿ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मारà¥à¤— को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤. सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° का हà¥à¤°à¤¦à¤¯ से गायन के लिठनिरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ वेदों के महान मंतà¥à¤° गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° में निहित संदेश को उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¤ किया कि इसमें à¤à¤•à¥à¤¤ ईशà¥à¤µà¤° से केवल à¤à¤• ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रहा है कि ईशà¥à¤µà¤° हमें सदà¥à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कीजिठऔर उसे अचà¥à¤›à¥‡ कारà¥à¤¯à¥‹ में पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करें. पà¥à¤°à¤¾à¤¤: काल की पावन बेला में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने योग की महतà¥à¤¤à¤¾ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि योग केवल शारीरिक रूप से ही सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ नहीं करता वरनॠआधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है और हमारे जीवन का लकà¥à¤·à¥à¤¯ केवल और केवल आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ ही है. जीवातà¥à¤®à¤¾ बार बार जनà¥à¤® मृतà¥à¤¯à¥ के कà¥à¤°à¤® से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठयोगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ ही है जो मन को वश में करता है और इसका माधà¥à¤¯à¤® है पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤®. पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करने पर मन शांत व सà¥à¤¥à¤¿à¤° होने पर निरूदध अवसà¥à¤¥à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है फिर हम धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की गहराई में उतर जाते हैं. पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® के अंतरà¥à¤—त महायोग कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के अनेक अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤. बीच बीच में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने जलंधर,उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मूल बंध के विषय में à¤à¥€ बताया. सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी यह à¤à¥€ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया कि सांस अंदर रोकते समय पेट नहीं छाती को फà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ है. हमारे फेफड़ों में करोड़ों कोशिकाà¤à¤‚ हैं. हम जब पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करते हैं तब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पोषण मिलता है और वे अपने कारà¥à¤¯ को अचà¥à¤›à¥‡ से कर पाती हैं. कोरोना महामारी के दौरान सांस लेने की समसà¥à¤¯à¤¾ का सामना पूरे विशà¥à¤µ को करना पड़ा यदि हम पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करते हैं तो हमारे फेफड़ों की ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बढ़ जाती है. आयोजकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ योग शिविर से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित साधकों का आà¤à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ किया गया. पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª आरà¥à¤¯ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤œà¤¨- तेरे नाम का सà¥à¤®à¤¿à¤°à¤¨ करके मेरे मन में सà¥à¤– à¤à¤° आया- की सà¥à¤®à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ की गई . सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ करà¥à¤®à¤µà¥€à¤° जी ने शांति पाठव हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¨ के साथ तीसरे दिन के योग शिविर को समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कराया. इस अवसर पर महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धक शà¥à¤°à¥€ अरविंद कà¥à¤®à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤°, वरिषà¥à¤ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ डॉ संगीता चौधरी, कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® अधिकारी डॉ शिखा कौशिक, सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक मीनाकà¥à¤·à¥€, हरà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¾, जà¥à¤¬à¥‡à¤° की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ सराहनीय रही।